विनेश व साक्षी ने कटाया रियो का टिकट
महिला पहलवान विनेश फोगाट (48 किग्रा) और साक्षी मलिक (58 किग्रा) ने शनिवार को दूसरे विश्व ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में अपने-अपने भार वर्ग से फाइनल में पहुंचने के साथ ही रियो ओलंपिक का टिकट कटा लिया। इसके बाद विनेश ने स्वर्ण पदक और साक्षी मलिक ने रजत पदक जीतकर अपने अभियान का शानदार अंत किया। यह पहला मौका है जब दो महिला पहलवानों ने खेलों के महाकुंभ के लिए क्वालीफाई किया। 2012 लंदन ओलंपिक में गीता फोगाट एकमात्र महिला पहलवान थी।
यह ओलंपिक के लिए अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट है। प्रत्येक वर्ग से दो शीर्ष पहलवानों को ही कोटा मिलेगा। इसके साथ अब तक छह भारतीय पहलवान, जिनमें चार पुरुष ओलंपिक के लिए बर्थ हासिल कर चुके हैं। हरियाणा के भिवानी जिले की विनेश को मंगोलिया में हुए पहले क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में अधिक भार के चलते अयोग्य घोषित किया गया था। इसके बाद भारतीय कुश्ती संघ ने उन्हें इस शर्त पर चेतावनी देकर छोड़ दिया था कि वह अपने भार वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने में सफल होगी। उन्होंने संघ से किए वादे को पूरा कर दिया।

विनेश फोगाट
21 वर्षीय विनेश ने सेमीफाइनल में तुर्की की इविन डेर्मिहन को 12-2 से मात देकर स्वर्ण पदक के मुकाबले में जगह बनाई। इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल में कोरिया की यामी ली को 11-1 से, प्री क्वार्टर फाइनल में फ्रांस की जूलिया मार्टिने को 11-0 से और उक्रेन की नातालिया पुलकोवस्का को 10-0 से मात दी। विनेश ने फाइनल में पोलैंड की इवोना नीना को एकतरफा मुकाबले में 6-0 से हराकर पीला तमगा जीता।

साक्षी मलिक
गीता फोगाट के अस्थायी निलंबन के बाद टीम में शामिल की गई साक्षी ने चीन की लेन झांग को मात देकर फाइनल में पहुंचीं। इससे पहले उन्होंने रोमानिया की जेड कैट्रीयना को 12-2 से, स्पेन की गार्सिया गर्रिडो को 10-0 से मात दी। वहीं 27 वर्षीय साक्षी को फाइनल में रूस की वलेरिया कोबलोवा के हाथों 3-7 से हार का सामना करना पड़ा। शिल्पी शैरोडन रेपचेज मुकाबला जीतकर कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंचने में सफल रहीं। वहीं ललिता (53 किग्रा), गीतिका जाखड़ (69 किग्रा) और किरन (75किग्रा) शुरुआती दौर में ही हारकर बाहर हो गईं।
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