
मेक इन इंडिया होगा एप्पल का आइफोन
चीन के बाजार में घटती मांग और नौ वर्षो बाद पहली बार राजस्व में आई गिरावट के बाद लगता है कि एप्पल को यह समझ में आ गया है कि अब वह भारतीय बाजार को यादा दिनों तक नजरअंदाज नहीं कर सकता। कारण जो भी हो लेकिन एप्पल के आइफोन, आइपैड जल्द ही भारत में बनने शुरू हो सकते हैं। ऐसा होने पर देश में एप्पल के उत्पादों की कीमत 20 फीसद तक घट सकती है। कंपनी के अधिकारियों ने संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिलकर अपनी इछा का इजहार किया है। सरकार ने उन्हें विस्तृत योजना के साथ आने को कहा है।
सरकार ने प्रस्ताव का किया स्वागत
रविशंकर प्रसाद ने दैनिक जागरण को विशेष बातचीत में बताया कि कुछ ही दिन पहले दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल के कुछ प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की थी और भारत में अपनी निर्माण इकाई स्थापित करने को लेकर इछा जताई थी। उन्होंने उनके प्रस्ताव का स्वागत किया है और हर तरह की मदद देने का आश्वासन दिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या एप्पल की तरफ से पुराने इस्तेमाल किए गये फोन को भारत में बेचने का भी प्रस्ताव दिया गया है तो प्रसाद ने जवाब दिया कि फिलहाल कंपनी की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार को नहीं मिला है।
एप्पल के लिए भारत महत्वपूर्ण बाजार
जानकारों की मानें तो अभी तक भारतीय बाजार में निर्माण से दूर रहने वाली एप्पल के विचार में बदलाव आने के पीछे दो वजहें हैं। एक तो उसके अहम बाजार चीन की मांग में कमी आ रही है। चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी आने की वजह से आने वाले दिनों में भी एप्पल वहां अपनी बिक्री में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं देख रहा है। दूसरा कई जानकार एप्पल के राजस्व में आई गिरावट को एक बड़ी चुनौती मान रहे हैं। इस गिरावट को दूर करने में भारत जैसा बड़ा बाजार अहम भूमिका निभा सकता है।
कई कंपनियां पहले से
प्रसाद का कहना है कि कोई भी महत्वाकांक्षी मोबाइल फोन कंपनी आज भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। 2015 में भारत में मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग में 82 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। एलजी, सैमसंग समेत तमाम विदेशी व देशी कंपनियां यहां प्लांट लगा चुकी हैं।
फोन बिक्री 56 फीसद बढ़ी
भारत के संचार मंत्री का बयान तब आया है जब कुछ ही दिन पहले एप्पल के चीफ एक्जीक्यूटिव टिम कुक ने कहा है कि एप्पल के लिए भारत अभी वैसा ही बाजार है जैसा दस वर्ष पहले चीन था। जनवरी से मार्च, 2016 के बीच एप्पल के मोबाइल फोन की बिक्री भारत में 56 फीसद की रफ्तार से बढ़ी है।